mushroom farming business मशरूम की खेती कैसे करें

mushroom farming business मशरूम की खेती के व्यापार के बारे में | और जानेंगे कि मशरूम क्या है, मशरूम किसे कहते हैं, मशरूम के क्या-क्या फायदे होते हैं | और मशरूम की खेती की शुरुआत कैसे कर सकते हैं |

mushroom farming business मशरूम की खेती करने के लिए किस तरह की जमीन की जरूरत पड़ती है, और mushroom farming business requirements क्या क्या है | अगर आप व्यवसाय करना चाहते हैं, और आपको यह समझ में नहीं आ रहा है कि कौन सा व्यापार चालू करें, तो यह mushroom farming business (मशरूम की खेती का व्यापार) आपके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है | अगर आप कृषि के क्षेत्र में अपना व्यवसाय चालू करना चाहते हैं, तो यह व्यवसाय आपके लिए बहुत ही उपयोगी है | चलिए जानते हैं, how to start mushroom farming business |

मशरूम क्या है मशरूम किसे कहते हैं

मशरूम एक प्रकार का कवक होता है, जो कि अक्सर गांव में मृत पेड़ पौधों की टहनियों पर, या भूमि पर पाया जाता है | जिसे हम कुकुरमुत्ता, भूमिफोर या क्षत्रक के नाम से जानते हैं | अलग-अलग राज्यों में, या अलग अलग जगहों पर इसे अलग-अलग नाम भी जाना जाता हैं | मशरूम प्राय: भूमि फोड़कर बाहर आते हैं, यह एक पिंड के रूप में दिखाई देते हैं, जिसे हम मशरूम कहते हैं |

Mushroom में कई प्रकार के विटामिन और खनिज भी पाए जाते हैं | इसमें विटामिन डी भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, साथ ही साथ इसमें प्रोटीन और खनिज की मात्रा भी काफी ज्यादा होती है | सिर्फ इतना ही नहीं, Mushroom के अंदर कई प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं | जो कि कई बीमारियों से लड़ने में भी सहायता करते हैं |

Mushroom का उपयोग सब्जियों के रूप में किया जाता है, Mushroom की खेती भारत के कई राज्य जैसे हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, तमिल नाडु और कर्नाटक के साथ-साथ, कश्मीर जैसे ठंडे राज्य में भी की जाती है | यहां के किसान मशरूम की खेती का व्यापार भारी मात्रा में करते हैं, मशरूम कई प्रकार के होते हैं |

मशरूम कितने प्रकार के होते हैं

अंतरराष्ट्रीय शोध के अनुसार, पूरे विश्व में मसरूम की लगभग 10000 प्रजातियां हैं | जिनमें से 70 ऐसी प्रजातियां है जिनकी खेती की जा सकती है | अगर भारत में मुख्य मशरूम की बात करें, तो भारत में तीन प्रकार की ऐसी मुख्य प्रजातियां हैं, जिनका उपयोग खेती में किया जाता है, और यह खाने योग्य होती हैं |

मशरूम के प्रमुख के नाम क्रमशः इस तरह से हैं – सीप मशरूम, बटन मशरूम, सफेद मशरूम, पैड़ी स्ट्रॉ मशरूम, इतवाली ब्राउन मशरूम, क्रिमिनी, सेरेमनी जैसे कई सारे नाम प्रसिद्ध है | लेकिन भारत में बाटम मशरूम की खेती, अधिक मात्रा में की जाती है | इनमें कई सारी ऐसी प्रजातियां भी हैं, जिनका उपयोग मुख्यतः दवा बनाने के लिए भी किया जाता है |

mushroom farming business मशरूम की खेती कैसे करें

mushroom farming business मशरूम की खेती करने के लिए बहुत सारे रास्ते हैं, आप चाहे तो मशरूम की खेती का बिजनेस अपने खेतों में कर सकते हैं | इसके अलावा अगर आपके पास जगह नहीं है तो आप मशरूम की खेती को अपने घर में भी कर सकते हैं | मशरूम की खेती करने के लिए किसी विशेष जगह की आवश्यकता नहीं होती है |

मशरूम की खेती कैसे करें -आप मशरूम की खेती अपने घर के एक कमरे में आसानी से शुरुआत कर सकते हैं | अगर आप अपने घर के अंदर मशरूम की खेती करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको एक खाली कमरे की जरूरत होती है | जहां पर आप अपने rack को व्यवस्थित ढंग से स्थापित करते हैं, और उसके बाद आपको कंपोस्ट बनाने की आवश्यकता होती है | या फिर अगर आप कंपोस्ट नहीं बनाना चाहते हैं, तो आप बाजार से भी कम पोस्ट ले सकते हैं |

mushroom farming business (कंपोस्ट बनाने की विधि)

जब भी आप mushroom farming business मशरूम की खेती की शुरुआत करते हैं, तो सबसे पहले आपको कंपोस्ट बनाना पड़ता है | कंपोस्ट बनाने के कई सारे तरीके हैं, जिनमें सबसे आसान तरीका है धान और गेहूं के पुआल से कंपोस्ट तैयार करना |

धान और गेहूं के भूसे से कॉम्पोस्ट खाद बनाना How to make mushroom compost at home

Mushroom ki kheti करने के लिए सही तरीके से कंपोस्ट खाद बनाना बहुत ही जरूरी होता है | जब भी आप धान और गेहूं के भूसे की पुआल से mushroom compost (खाद) बनाना चालू करते हैं, तो सबसे पहले आपको धान या गेहूं के पुआल का भूसा लेना चाहिए, इसके बाद उसे अच्छी तरह से पानी में भीगा लेना चाहिए |

इसे रखने के लिए आपको एक जगह की भी जरूरत पड़ती है, जहां पर आपको कंपोस्ट तैयार करना है | जब आप इसे अच्छी तरह से भिगो लेते हैं, पानी की मात्रा पूरी हो जाती है, तब इसके अंदर और भी सारे मटेरियल जैसे कि चिकन मैन्योर, यूरिया, जिप्सम, चोकर, बिनौला खल मिलाने की भी आवश्यकता पड़ती है | यह सारे रासायनिक तत्व मात्रा के अनुसार ही उपयोग करने चाहिए |

उदाहरण के लिएधान और गेहूं के भूसे से कॉम्पोस्ट खाद बनाने के लिए सामग्री
2000 किलोग्राम compost खाद बनाने के लिए सामग्री
* धान व गेहूं का भूसा 1000 किलोग्राम
* मुर्गी की बीट या खाद 400 किलोग्राम
* गेहूं का चोकर 100 किलोग्राम
* यूरिया 14.5 किलोग्राम

धान और गेहूं के भूसे से कॉम्पोस्ट खाद बनाने की विधि

सबसे पहले गेहूं के भूसे को जमीन पर बिछाकर अच्छी तरह पानी से भीगो लें, भिगोने के 24 घंटे के बाद ऊपर दी गई सभी सामग्री को अच्छी तरह से एक-एक करके मिला लें | फिर इसे अच्छी तरह से मिलाकर 4 दिन के लिए छोड़ दें, उसके बाद 5 फुट ऊंची और 5 फुट चौड़ी, सुविधा के अनुसार लंबाई की ढेरिया लगाएं ढेरी लगाने के 6 दिन के बाद इसकी पहली पलटाई चालू करें, इसी क्रम में इस डेयरी की 8 पलटाइयां की जाती है |

पहली पलटाई छठे दिन, दूसरी पलटाई दसवें दिन, तीसरी पलटाई तेरहवें दिन, और चौथी पलटाई सोलहवें दिन, पांचवी पलटाई उन्नवीसवे दिन, छठवीं पलटाई बाईसवें दिन, सातवी पलटाई पच्चीसवें दिन, और आठवीं पलटाई अट्ठाईसवें दिन की जाती है |कंपोस्ट के तापमान को बीच-बीच में चेक करते और लिखते रहें | ढेरियों के बीच में तापमान जब 70 से 75 डिग्री तक पहुंच जाता है, तभी सड़न पैदा होती है | यह तापक्रम सामान्यत ढेरी बनाने के 28 घंटे के बाद आ जाता है |

समय के अनुसार ढेरियों के सूखे भाग पर जरूरत के अनुसार पानी का छिड़काव भी करते रहें | कंपोस्ट में पानी की उचित मात्रा चेक करने के लिए, ढेरियों के बीच से थोड़ी सी कंपोस्ट हाथ में लेकर देखें | अगर हाथ में लेकर दबाव डालने के बाद पानी ना दिखे, और मुट्ठी खोलने के बाद अगर कंपोस्ट बिखर जाए, तो यह समझ ले कि कंपोस्ट में पानी की कमी है | अगर पानी की मात्रा अधिक हो जाए तो, ढेरियों को खोल कर उसमें हवा जाने देना चाहिए |

धान और गेहूं के भूसे से कॉम्पोस्ट खाद बनाने की लघु विधि

कंपोस्ट बनाने की लघु विधि में भी सामग्री लगभग उतनी ही लगती है, जितनी की लंबी विधि में लगती है | इस विधि के द्वारा सामग्री 2 अवस्थाओं में तैयार की जाती है, पहली अवस्था में 8 से 10 दिनों तक बाहर पलटाई की जाती है | दूसरी अवस्था में खाद को कृमि नाशक गमलों में 5 से 8 दिन तक भाप द्वारा कृत्रिम ताप उत्पन्न करके रखा जाता है |

अच्छी खाद के गुण

अच्छी कंपोस्ट अक्सर गहरे भूरे रंग की दिखाई देती है, खाद का PH 7.5 से 7.8 के बीच होता है | अच्छी कंपोस्ट में अमोनिया की गंध बिल्कुल नहीं आती है | अच्छी कंपोस्ट में पानी की मात्रा 60 से 70 परसेंट के बीच होती है | और खाली चिपचिपा पन नहीं होता है | अगर यह सारे गुण आपकी कंपोस्ट के अंदर दिखाई देते हैं, तो आपको यह समझ लेना चाहिए कि आपकी कंपोस्ट काफी अच्छी बनी है |

मशरूम के बीज कहां से खरीदें (Place to buy Mushroom seeds online and offline in India)

मशरूम के बीज खरीदने के लिए आपके पास दो ऑप्शन आता है, एक तो ऑनलाइन indiamart की वेबसाइट पर जाकर, जिस जगह पर आप रहते हैं उसके अनुसार आप सेलेक्ट करके खरीद सकते हैं | इसके अलावा आप चाहे तो सरकार द्वारा निर्देशित अपने जिले के कृषि केंद्र पर जाकर, आप आसानी से मशरूम के बीज खरीद सकते हैं |

मशरूम बीज की कीमत (Mushroom seeds Price in india)

भारत में सबसे ज्यादा (mushroom farming business) में सबसे ज्यादा उपयोग होने वाले बाॅटम मशरूम के, बीज की कीमत की बात करें तो, यह डेढ़ सौ की लागत में एक किलो मिल जाता है | हालांकि मशरूम के बीज की कीमतें क्वालिटी और बीज के अनुसार बदलती रहती है |

मशरूम का व्यापार करने के तरीके (Mushroom cultivation techniques)

जैसा कि हम पहले ही समझ चुके हैं कि, mushroom farming business (मशरूम का व्यवसाय) एक रासायनिक प्रक्रिया के द्वारा तैयार किया जाता है, और mushroom farming business (मशरूम का व्यापार) करने के लिए हमारे पास दो तरीके उपलब्ध है | इन 2 तरीकों में आप चाहे तो किसी बिजनेस की तरह, या फिर एक ब्रांड की तरह आप mushroom farming business (मशरूम का व्यापार) कर सकते हैं |

जिसके लिए आप को अपनी एक कंपनी बनानी पड़ेगी, जिस तरह से लोग बड़े पैमाने पर एक व्यापार का आरंभ करते हैं | उसी तरह से आप मशरूम के बिजनेस (mushroom farming business) को बहुत बड़ा व्यापार बना सकते हैं | या फिर अगर आप कृषि उद्योग में कार्यरत हैं, तो आप आसानी से अपने जमीन पर, अपने खेतों में, या फिर अपने घर के किसी भी एक कमरे के अंदर, mushroom farming business (मशरूम के व्यापार) को आरंभ कर सकते हैं | और उसके बाद जब मशरूम तैयार हो जाता है, तो इसे आप आसानी से मार्केट में बेच सकते हैं |

हालांकि अगर बात करें मशरूम के व्यापार का दायरा के बारे में, तो यह सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि कई सारे अन्य देशों में भी फैला हुआ है | और दूसरे देशों में भी मशरूम की काफी मांग बढ़ती जा रही है, इसलिए आप mushroom farming business (मशरूम की खेती) करके काफी आसानी से एक बहुत बड़ा मशरूम का व्यवसाय स्थापित कर सकते हैं |

mushroom farming business || how to sale mushroom in india

हालांकि जब भी आप mushroom farming business (मशरूम की खेती) करने के बारे में सोचते हैं, तो आपके मन में यह ख्याल जरूर आता है, कि हम मशरूम को कहां पर बेचे? तो इसके लिए आपके पास बहुत सारे ऑप्शन अवेलेबल है, मशरूम की मांग जिस तरह से बढ़ती जा रही है, उस तरह से आप इसे साधारण मार्केट में भी बेच सकते हैं | इसके अलावा बहुत सारी ऐसी कंपनियां हैं, जो मशरूम की डिमांड करती हैं तो आप अपनी मशरूम को उन कंपनियों को बेच सकते हैं |

या फिर बहुत सारी ऐसी कंपनियां भी हैं, जो मशरूम का उपयोग दवाई बनाने में भी करती हैं | इसलिए आप चाहे तो दवाई बनाने के लिए किसी कंपनी के साथ मिलकर के आसानी से अपनी मशरूम को बेच सकते हैं | और अपने mushroom farming business (मशरूम के बिजनेस) को काफी आसानी से आगे बढ़ा सकते हैं |

मशरूम के व्यापार में लागत (cost of mushroom business)

जब भी हम किसी नए व्यवसाय को शुरू करने के बारे में सोचते हैं, तो सबसे बड़ी समस्या लागत की आती है, कि हमारे व्यवसाय को शुरू करने के लिए लागत कितनी लगेगी | हालांकि अगर आप मशरूम की खेती का बिजनेस करने जा रहे हैं, तो यह आपके लिए काफी फायदेमंद सौदा है | आप मशरूम की खेती अगर छोटे पैमाने पर करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको 10000 से 50,000 तक निवेश करने की आवश्यकता पड़ेगी | अगर आप इसे बड़े पैमाने पर mushroom farming business (मशरूम की खेती) का व्यापार करना चाहते हैं, तो आप को कम से कम 1,00000 से 10,00000 तक निवेश करना चाहिए |

हालांकि इस खर्च के अंदर आपके कंपोस्ट खाद के साथ-साथ मशरूम के बीज, और उनकी देखरेख में जो भी खर्च होगा यह सारे खर्च आपके इस निवेश के अंदर शामिल होंगे | इसलिए आप आसानी से कम खर्च के द्वारा, मशरूम की खेती का व्यवसाय चालू कर सकते हैं |

मशरूम की खेती के लिए आवश्यक सामग्री (materials required for mushroom cultivation)

हालांकि mushroom farming business (मशरूम की खेती) करने के लिए एक उचित तापमान की आवश्यकता होती है | इसीलिए इसे कृत्रिम ढंग से उगाया जाता है | भारत में इसकी खेती अक्सर सर्दियों के मौसम में की जाती है, अगर आप मशरूम की खेती की शुरुआत करने जा रहे हैं, तो इसके लिए आपको धान और गेहूं के पुआल के भूसे, और कंपोस्ट खाद बनाने वाले रसायन, और कीटनाशक दवाओं की भी आवश्यकता पड़ती है |

साथ ही साथ आपको बीज भी खरीदने की आवश्यकता पड़ती है | आप अगर मशरूम की व्यवसाय में उत्पादन में वृद्धि चाहते हैं, तो इसके लिए बाजार में कुछ ऐसे पोषक तत्व भी मिल जाते हैं, जो कि मशरूम की पैदावार को बढ़ाने में सक्षम होते हैं | आप चाहे तो इनका भी इस्तेमाल कर सकते हैं |

मशरूम की खेती में सावधानियां (mushroom cultivation precautions)

हालांकि जिस तरह से mushroom farming business (मशरूम की खेती) का व्यापार करना बहुत ही आसान लगता है, उसी तरह से मशरूम की खेती करते समय आपको शुरुआत के 15 दिन तक, मशरूम की फसल को बचाने की आवश्यकता पड़ती है | मशरूम को हवा लगने से बचाने के लिए, अगर आप अपने घर के अंदर मशरूम की खेती कर रहे हैं तो रूम को अच्छी तरह से बंद कर दें, और 15 दिन पूरे हो जाने के बाद आपको इस बात पर विशेष ध्यान देना है, कि कमरे को हवा आने के लिए खुला छोड़ दें | जैसे तापमान बरकरार रहेगा और आपके मशरूम अच्छी तरह से वृद्धि करेंगे |

हालांकि आपको हवा के साथ साथ कमरे के तापमान को भी नियंत्रण में रखना होगा, आपको कभी-कभी तापमान को नियंत्रित करने के लिए, पानी के फुहारे का भी इस्तेमाल करना चाहिए | जिससे कि आपके कमरे का तापमान नियंत्रण में रहेगा, यह चीज का हमेशा ध्यान रखें की मशरूम को उगाने के लिए 20 से 30 डिग्री का ही तापमान ज्यादा फायदेमंद होता है |

मशरूम की कटाई (mushroom harvesting)

मशरूम की फसल को तैयार होने में बहुत ज्यादा वक्त नहीं लगता है, ज्यादा से ज्यादा 30 से 40 दिन के अंदर यह फसल तैयार हो जाती है | और इसको काटने की कोई बहुत विशेष विधि नहीं है, आप चाहे तो इन्हें आसानी से तोड़ सकते हैं, और बाजार तक पहुंचा सकते हैं |

मशरूम की खेती के लिए सरकारी सब्सिडी (Government subsidy for mushroom cultivation)

हालांकि अगर आप mushroom farming business (मशरूम की खेती का व्यवसाय) करना चाहते हैं, तो इसके लिए सरकार की तरफ से कई सारी योजनाएं हैं, और कई सारे ट्रेनिंग सेंटर भी हैं | जहां पर मशरूम की खेती करने के लिए ट्रेनिंग भी दी जाती है | और सरकार ने मशरूम की खेती करने के लिए कई सारी ऐसी योजनाएं भी बनाई है, कि अगर आप इस व्यवसाय को चालू करना चाहते हैं, तो इसके लिए ऋण लेने का भी प्रावधान है |

अगर आप सरकार से मदद लेना चाहते हैं या फिर अपनी मशरूम की व्यवसाय में सरकार के द्वारा सब्सिडी चाहते हैं, तो इसके लिए आपको अपना प्रस्ताव सरकारी कार्यालय में रखना होगा | जहां पर आपको अपने आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक के अकाउंट और निवास प्रमाण पत्र की प्रति प्रस्तुत करनी होगी |

भारत सरकार के द्वारा मशरूम व्यवसाय के लिए सब्सिडी के रूप में, छोटे व्यवसाई के लिए 40% और सामान्य व्यक्तियों के लिए 20% तक सब्सिडी का भी प्रावधान है | अगर आप किसी भी सरकारी नीति के द्वारा या फिर कोई मदद नहीं चाहते हैं, तो आप आसानी से बिना रजिस्ट्रेशन करवाएं भी अपना मशरूम की खेती का व्यापार शुरू कर सकते हैं |

मशरूम की खेती सरकारी प्रशिक्षण (Mushroom Cultivation Government Training)

भारत सरकार के द्वारा नए उद्योगपतियों के लिए कई सारी सुविधाएं प्रदान की जाती है, उसी तरह से मशरूम की खेती के लिए, भारत सरकार के द्वारा मुफ्त प्रशिक्षण का भी प्रावधान है | अगर आपको इसके बारे में और ज्यादा जानकारी चाहिए, तो आप मुफ्त प्रशिक्षण भी प्राप्त कर सकते हैं | और इसके बाद अपना मशरूम की खेती का व्यवसाय शुरू कर सकते हैं |

मशरूम की खेती के फायदे (Benefits of mushroom cultivation)

हालांकि mushroom farming business (मशरूम का व्यापार) बहुत ही आसान है, और इसे आप आसानी से कम जगह में अपने घर में भी शुरुआत कर सकते हैं | इस व्यवसाय की शुरुआत करने के लिए आपको बहुत ज्यादा लागत नहीं लगती है, आप कम से कम निवेश में अपना व्यवसाय शुरू कर सकते हैं, और मुनाफा पा सकते हैं | अगर आप सब्सिडी का लाभ लेना चाहते हैं, तो सब्सिडी भी पा सकते हैं | और अगर किस व्यवसाय को शुरू करना चाहते हैं, और आपके पास लागत नहीं है, तो आप सरकार के द्वारा ऋण भी प्राप्त कर सकते हैं |

निष्कर्ष

उम्मीद है आपको mushroom farming business (मशरूम की खेती का व्यवसाय) शुरू करने के बारे में, सारी जानकारी समझ में आ गई होगी, पोस्ट अच्छी लगी तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें | धन्यवाद |

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janhvi
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